रियो से है गोल्डन उम्मीद ।

खेलों के महाकुंभ रियो ऑलम्पिक का आगाज हो गया है ।कई दिनों तक चलने वाले  खेलों के  महाकुम्भ में इस बार 200 से ज्यादा देशों के 11 हजार से अधिक खिलाडी हिस्सा ले रहे है । इस बार रियो का आयोजन ब्राजील की राजधानी जेनिरो में हो रहा है जिस कारणं पूरा सेहर रियो के रंग में रंगा है हर एक खिलाडी पदक की उम्मीदों को लेकर मैदान पर उतरा है ।वहीँ  इस ओलम्पिक से भारत को कितनी उम्मीद है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा रहा है कि इस बार भारत ने अब तक के अपने सबसे बड़े दल को रियो में भेजा है इस बार भारत की तरफ से 115 खिलाड़ियों के दल को ओलंपिक में भेजा  गया है , और उम्मीद की जा रही है कि इस बार भारत की झोली में भी सोने की बरसात हो । रियो एक ऐसा महामंच है जहाँ पर हर एक खिलाडी को अपने आप को साबित करने का मौका मिलता है । उसे दुनिया को यह दिखाना होता है कि आखिर  वो क्यूँ बेस्ट है । दुनिया के उन तमाम खिलाडियों के साथ साथ भारत के उन खिलाड़ियों के मन में भी शायद यही हो । इससे पहले लंदन ओलंपिक में भारत ने सबसे ज्यादा 6 पदक अपने नाम किये थे शायद इस बार इन पदकों की संख्या में और वृद्धि हो । 
इस बार भारत को हॉकी से काफी उम्मीदें है टीम में काफी नए चेहरों के साथ साथ अनुभवी खिलाडियों को भी जगह मिली है ।वहीं महिला हॉकी टीम भी इस बार पुरे जोश के साथ मैदान में उतर रही है निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा से और बैटमिंटन में साइना नेहवाल से भी गोल्ड की उम्मीद है ।
ये तो बात हो गयी रियो की अब बात करते है अक़ीक़त कि मतलब भारत में खेलों की स्थिति की । भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है यहाँ पर खेलों के प्रति लोगों की रूचि की कोई कमी नही है कई सारे बच्चे और नोजवान खेलों को अपना कैरियर बनाने की सोचते है लेकिन आर्थिक मदद और अच्छी ट्रिनिंग न मिलने के कारण ये प्रतिभाएं  दब कर रह जाती है । इन्हें सही प्लेटफॉर्म नही मिल पाता जहाँ से इन्हें पहचान मिले ।

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