जब देश में है दिवाली वो खेल रहे है होली ।

एक तरफ पूरा देश दिवाली के इस पर्व में रंगा है हर जगह
लोग अपने परिवारों रिस्तेदारों के साथ दिवाली के खुशियां मना रहे है हर तरफ ख़ुशी का माहौल है , ख़ुशी खुसी शॉपिंग कर रहे है घर में चेन से बैठकर नए नए पकवान बना रहे है और दिवाली के इस पर्व को मना रहे है । लेकिन दूसरी तरफ हमारे वो वीर सपूत अपने परिवारों ,बच्चों और माता पिता से कोसों दूर रहकर सरहद केवल इसलये अपनी जान की बाजी लगा रहे है ताकि हम चेन से और खुसी ख़ुशी दिवाली के इस त्यौहार को मना सके ,वैसे दिवाली वो लोग भी मना रहे है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है की यहाँ हकम घर पे बैठकर मुर्गा छाप और रंग बिरंगी लाइट्स से दिवाली मना रहे है और वो वहां सरहद पर गोलियों और मुठभेड़ के बीच दिवाली मना रहे है । यहाँ पर हम रंगों से रंगोली बना रहे है और वो वहां देश के लिए खून देकर दिवाली में भी खून की होली खेल रहे है । फिर भी ना तो उनके मन में डर है और ना ही परिवार की याद उन्हें अपने फर्ज से पीछे खेच रही है उन्हें पता है कि जिस राह पर वो है वहाँ किस गोली पर उनका नाम लिखा हो ये वो भी नही जानते और मौत कब रास्ता भटक के उनके पास आ जाए ये भी नही कहा जा सकता बावजूद इसके डर का नामोनिशान भी उनकी आँखों में नही है यदि कुछ है तो वो है देश भक्ति ।
ऐसा ही कुछ माहौल आजकल सरहद पर बना हुवा जहाँ एक और पकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाया हुवा है तो वहीँ वो लगतार सीज फायर का उलंघन करके आतंकियों को घुसपैठ करवाने की फिराक में है जिसके लिए वो भारी गोलाबारी कर रहा है , परन्तु वा रे मेरे देश के वीर जवानों जो पकिस्तान की हर एक गोली का मुंहतोड़ जवाब दे रहे है और आतंकियों को ढेर कर रहे है , हालाँकि इन सब में देश ने अपने भी जवानों को खोया है और देश के ये सपूत देश की अखंडता के खातिर सहादत को प्राप्त हो गए । कुछ ही समय पहले मनदीप के शव के साथ की गई बर्बरता ने तो देश को हिला दिया परन्तु वो क्या सोचते है कि हम चुप रहेंगे उन्हें भारत के हर एक सपूत के बलिदान का हिसाब देना पड़ेगा ।
सोचिये क्या बीत रही होगी उस घर में उस परिवार में जहाँ अचानक दिवाली के ख़ुशी के माहौल में खबर आती है कि आपका बेटा शहीद हो गया ,ऐसे में उस माँ के दर्द का तो हम अंदाजा भी नही लगा सकते की उसके दिल पर क्या बित रही होगी । क्या बीत रही होगी उस बच्चे पे जो दिवाली के लिए खुश था कि पापा घर आएंगे तक साथ में दिवाली मनाएंगे । पापा घर तो आ गए लेकिन शायद कभी बेटे के साथ दिवाली नही मना सकते ।
आज हम घर में बैठकर दिवाली मना रहे है क्योंकि हमें पता है कि जब हम इस त्योहारों को मना रहे है तो वहां सरहद पर कोई हमारे लिए लड़ रहे है और ख़ुशी ख़ुशी देश के लिए बलिदान दे रहे है । यदु हम कुछ कर सकते है तो ऐर्फ इतना की अपने इन वीरों का सम्मान करे और उनके सलामती और सुरक्षा की कामना करे ।
            जय हिंद जय भारत , दिवाली की शुभकामनाएं उन सभी वीरों के लिए जो असल में हीरो है ।

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