मीडिया है मह्त्वपूर्ण स्तम्भ - समझे जिम्मेदारी ।।
समाज में मीडिया का काम व् जिम्मेदारियां बहुत अधिक है । यह उनका काम और अधिकार भी है कि कैसे लोगों तक समाज में घट रही घटनाओं और सच्चाई को सामने लाया जाए , प्रारम्भिक दौर से है मीडिया ने अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई है , चाहे वह आजादी का समय रहा हो या कोई भी आदोंलन । हालाँकि सुरुवती समय में मीडिया का स्वरूप कुछ और था । और पत्रकारिता ने इतना विकास नही किया था सबसे पहले भारत में 1780 में बंगाल गजट अखबार से पत्रकारिता की सुरुवात मानी जाती है , इसके बाद कई अखबार प्रकाशित हुए परन्तु ब्रिटिश शासन के चलते कइयों को बंद कर दिया गया
इसके बाद रेडियो के आने से जनसंचार में नई क्रांति आयी , इन सभी माद्यमो ने आजादी के समय में लोगों को जोड़े रखने और उनमें क्रांति पैदा करने का महत्वपूर्ण काम किया , और देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, हालांकि आजदी के बाद से लेकर अब तक समाज के साथ साथ पत्रकारिता के छेत्र में भी काफी बदलाव आये है और पत्रकारिता के नए माद्यमो का अविष्कार हुवा है , आज जहाँ पत्रकारिता का महत्व बेहद अधिक बड़ा है साथ ही जिम्मेदारियां भी बहुत बढ़ गयी है । परन्तु दुःख इस बात का है कि कई लोग तो अपना काम पूरी ईमानदारी से करते है परंतु कुछ ऐसे है जो केवल थोड़े लालच के चक्कर में सचाई को छुपा देते है , जिससे न केवल मीडिया के प्रति लोगो के मन में गलत धारणाये बनती है बल्कि लोगों का पत्रकारिता में विस्वाश कम होता है , इसका एक बड़ा कारण यह भी है मीडिया में कई लोग ऐसे भी आते है जिंन्हे पत्रकारिता का कोई एजुकेशनल knowlege न होने के कारण , वो पत्रकारिता का मूल मंत्र नही समझ पाते और पत्रकारिता से मिले अधिकारों का गलत फायदा उठाते है । हम्हे यह भूलना नही चाहिए की पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है हम्हारा काम है समाज में घट रही घटनाओ की सच्चाई को लोगों के सामने प्रस्तुत करना । और ऐसी कोई खबर से बचना जिससे समाज में असंतुलन की स्थिती पैदा न हो ।

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