सावन की रिम झिम बरसात - बदरा बरसे तन मन भीगे ।

इस अमृत का महत्व केवल वही समझ सकता है जिसने सूर्य की तपिश और सूखा झेला हो ,आनंद उस वक्त अपने चरम पर पहुँच जाता है जब सावन की इस बारिश से प्रकर्ति एक आलोकिक सुंदरता को ओढ़ लेती है , पहाड़ों से सुन्दर सुन्दर झरने इस सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते है , और असंख्य प्रकार के सुन्दर सुन्दर पुष्प धरती को स्वर्ग के रूप में बदल देते है । और इनकी सुगंध इसमें प्राकृतिक इत्र का काम करती है । इससे इस बात का मालूम पड़ता है कि प्रकृति अपने आप में परिपूर्ण है सावन की यह रिम झिम करती बारिश जहाँ एक और प्रकर्ति के लिए वरदान साबित होती है वहीँ दूसरी और यह उन सभी जीव जंतुओं और मनुस्यों को ग्रीष्म समय की उस तपती हुवी गर्मियों की मार से भी राहत देती है । चाहे वो बच्चा हो , जवान हो या फिर वृद्ध सावन की यह बरसात उम्र की सारी सीमाओं को तोड़ देती है तभी तो बारिश की इन रिम झिम करती बारिश का आनंद लेने में कोई भी पीछे नही रहता, बस हर कोई इन बारिश की बूंदों में भीग कर अपने आप को सावन के इन रंगों में रंगना चाहता है ।

good job ,lage raho aese hi .
ReplyDeleteThnkuu sir
ReplyDeletebhut badiya... acha likha hai.
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