थोड़ा याद उन्हें भी , जो लौट कर फिर ना आये ।

सन 1999 का वह दिन जब दुश्मन ने भारतीय सरजमी पर यह सोचकर कदम रखा था कि शायद वह भारत की सरजमी पर कब्ज़ा जमा लेंगे ,पाकिस्तान की सेना और  आतंकवादियों ने कारगिल की चोटियों पर घुसपैठ कर दी और भारतीय बंकरों में गोला बारी सुरु कर दी इसके बाद जब सेना को घुसपैठ की खबर मिली तो सेना ने भी दुश्मनो को मार गिराने के लिए अभियान सुरु कर दिया , दुश्मन बहुत ऊंचाई पर था और गोली बारी के बीच पहाड़ी पर चढ़ना बहुत मुश्किल । फिर भी अपनी जान की परवाह करते हुवे भारतीय सेना आगे बढ़ गई कई दिन चले इस युद्ध में हम्हरे जवान वीरता के साथ लड़े और देश पर प्राण न्योछावर कर दिए , भारतीय सेना की इस अद्भुत वीरता के कारण सेना ने दूश्मनो को मार भगाया और कारगिल की चोटियों पर एक बार फिर से तिरंगे को लेहरा दिया । भारतीय सेना को जीत तो मिली लेकिन इस युद्ध में सेना ने कैप्टन विक्रम भत्रा और अर्जुन नायर जैसे कई वीरो को खो दिया ये वो वीर थे जिन्होंने अपने प्राण भारत माँ पर न्योछावर किये थे ।
उन सभी भारतीय योद्धाओ का वह बलिदान कभी भुलाया नही जा सकता । हम्हे भूलना नही चाहिए की हम अपने घर पर आराम से बैठे है क्योंकि हम्हारे देश के ये वीर जवान दिन रात सीमा पर तैनात है ।


ये जवान तो अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करते है परंतु दुःख की बात ये है कि देश में ही कई लोग ऐसे भी है जो इसी देश में रहते है और इसी देश को तोड़ने की कोसिस करते है , देश का दुर्भाग्य नही तो क्या है कि देश के नेता कुर्शी के लिए मरते है , और लोग चंद रुपयों के लिए बिक जाते 
लेकिन वो देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर जाते है । कभी ये मत सोचो की देश ने तुम्हे क्या दिया है थोड़ा ये देख लो की हमने देश को क्या दिया है । अरे जरा सीमा में जाकर देश के नाम की एक गोली तो खाकर देखो शायद आजादी का मतलब समझ आ जाए।।
जरा उन्हें भी याद कर लो, जो लोट के फिर ना आये ।।
जय हिंद जय भारत।।

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