बनाये रखे महत्वता।


सावन के सुरु होते ही कांवड़ यात्रा का भी सुभारम्भ हो जाता है हर साल  लाखों की संख्या में कांवड़ यात्री विभिन्न प्रदेशों से यहाँ आकर पात्र में गंगाजल भरकर भगवन शिव को चढ़ाते है सावन के आते ही पूरी तीर्थनगरी शिवभगतों के रंग में रंग जाती है , हर तरफ बम बम बोले के जयकारे गूंजने लगते है शिव भक्त दूर दूर से मन में श्रद्धा लिए भगवान् शिव के धाम पहुँचते है कुछ भक्त नंगे पाऊँ तो कुछ दंडवत रूप में भगवान् शिव के दर्शन कर पुण्य की प्राप्ति करते हाउ परन्तु कुछ समय से इस कांवड़ यात्रा के दौरान कई असामाजिक तत्व भी सक्रीय हो जाते है हालाँकि कांवड़ यात्रा आस्था की यात्रा है फिर भी कई सारे ऐसे मामले इस यात्रा के दौरान सुनने में आते है जिससे आम लोगो को काफी परेशानी उठानी पड़ती है और कानून व्यवस्थाओं की खुल्ले आम धज्जियां उड़ाते है इसलये कांवड़ यात्रा में आने वाले यात्रियों के लिए यह आवश्यक है कि वो इस यात्रा की महत्वता को बरकरार रखे ताकि लोगों की आस्था पर कोई सवालिया निशान खड़ा हो

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